Category: संस्मरण

आपबीती बातें बच्चे मंच पर लायें तो बचेंगे

-शैल्जा चौधरी, शिक्षकप्रशिक्षक, दिल्ली “ऐसी बातें घर की चार-दिवारी के अन्दर ही रहनी चाहिये।” इसवाक्य में निहित बहु अर्थी परतों को खोलने की जरूरत है.समाज की नज़रों मेंबच्चों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार और शोषण की बातें अगर घर या स्कूल की चारदीवारी में ही रहे तो अच्छा हैं. येसी सोच हमारी रही है. ताकि न […]

हल्द्वानी के व्यंग्यकुमार गौरव त्रिपाठी

-सुमित प्रताप सिंह, चर्चित युवा व्यंग्यकार, दिल्ली हिंदी व्यंग्य का साम्राज्य धीमे-धीमे पूरे विश्व में अपनी पैठ जमा रहा है, किंतु ये साम्राज्य समाज का शोषण करने की अपेक्षा समाज में फैली विद्रूपता, विसंगतियों, विडंबनाओं, कटुता व भ्रष्टाचार से लड़ने का कार्य करता है। व्यंग्य का बेशक कोई एक नेतृत्व न हो, किंतु व्यंग्य के […]

युवा पीढ़ी को साहित्य धारा से जोड़ने का सबसे बड़ा श्रेय

-मनीष पांडेय आशिक, युवा साहित्यकार, अभिनेता, हल्द्वानी हरफनमौला साहित्यिक संस्था के अध्यक्ष, हास्य व्यंग्य कवि और पत्रकार गौरव त्रिपाठी जी का व्यक्तित्व इतना विराट है कि उनके विषय में कुछ शब्द कहना बहुत कठिन कार्य है। शहर हल्द्वानी में साहित्यिक माहौल बनाने और युवा पीढ़ी को साहित्य धारा से जोड़ने का सबसे बड़ा श्रेय गौरव […]

साहित्यिक परिवेश का शैशव काल

-मोहन चंद्र जोशी, वरिष्ठ साहित्यकार लालकुआं हरफनमौला साहित्यिक संस्था और हास्य-व्यंग के सशक्त हस्ताक्षर गौरब त्रिपाठी एक दूसरे के समपूरक, ध्रुव हें, संभवतया वह किसी परिचय के मोहताज नहीं। साहित्यिक परिवेष अभी कुछ ही वर्षों का हुवा है इसे शैशव काल कहा जाय तो अतिशयोक्ति नहीं होगी , पर जिस सुदृढता के साथ गतिविधियों का […]

तनाव की तपिश पर हास्य रस की फुहार

हल्द्वानी के ख्याति प्राप्त हास्य कवि वेद प्रकाश अंकुर कोरोना काल में भी लोगों के चेहरे पर ला रहे खुशी इंटरव्यू साहित्य जहां हमें ज्ञान देता है, सोचने समझने की शक्ति विकसित करता है वहीं साहित्य की हास्य विधा हमारे तनाव को कम करती है। कोरोना काल में जब हर कोई तनाव और डर के […]

उनके बोलने का अंदाज निराला है

Anjali, haldwani सूरज सा तेज है, उनमें। कृष्ण की बांसुरी की धुन जैसी उनकी मुस्कान है। आंखों पर उनके चश्मा शान्त उनका स्वभाव है। सर्वश्रेष्ठ कवि हैं वो। गौरव त्रिपाठी सर उनका नाम हैं उनके बोलने का अंदाज, निराला है। ग्रे और ब्लू कलर उनको भाता है । उनका शान्त स्वभाव सबको, अपना बनाता है। […]

गौरव त्रिपाठी सर और हरफनमौला साहित्यिक संस्था के मायने

_______________20 अक्टूबर 2019________________ -मंथन रस्तोगी, हल्द्वानी, मुलाकात विद मंथन ग्रीन वुड्स पब्लिक स्कूल के कैंपस में लगे हरफनमौला साहित्यिक संस्था के पोस्टर को केवल देख कर मैं, महसूस कर पा रहा था कि यह पोस्टर जिस इवेंट का है, वो इवेंट मेरी ज़िन्दगी में मेरे लिए हमेशा ख़ास रहने वाला है चूंकि पहला है । […]

दिल्ली दूर है?

अपने गृहक्षेत्र में नौकरी करने का लालच अधिकतर लोगों को लक्ष्य बदलने के लिए मजबूर कर देता है। भले वो ‘घर की मुर्गी दाल बराबर ही क्यों न हो।’ लेकिन व्यक्ति घर में दाल मखनी बनने के लिए पूरी उम्र गुजार देते हैं। यही सोच मुझे छत्तीसगढ़ से यूपी और यूपी से उत्तराखंड के हल्द्वानी […]

गुलामास का फ़ूल

बचपन की भोर बीत चुकी है, अब तो बस जीवन की दोपहर चारों तरफ बिखरी पड़ी है। घर के सब कार्य करने के पश्चात मुझे ताज़ी हवा में कुछ देर रहना बहुत पसंद है जैसे ही शाम हुई मेरा मन बाहर जाने के लिए उछल कूद करने लगा। मैंने जल्दी जल्दी सभी कार्य पूर्ण किए […]

सूचनाओं के दौर की रामलीला

हल्द्वानी के मंगल पड़ाव,होली ग्राउन्ड के आस-पास कुछ गहमा- गहमी थी ,रोज से ज्यादा साफ-सफाई और लोग कुछ सम्हले से किनारे चल रहे थे। जिन्हें नहीं पता था उनके दिमाग में कई सवाल उभर आये थे । तभी देखा कि साक्षात राम-लक्ष्मण का रुप धरे युवा-किशोर जन-समूह के साथ चले आ रहे हैं । सभी […]