Category: आस्था

पहुँच

-रमाकांत ताम्रकार, जबलपुर मप्र मेरा छोटा भाई रेलवे स्टेशन पर आवारागर्दी करते समय पकड़ा गया । उसके बाकी साथियों में से कुछ मौका देखकर, कुछ चकमा देकर स्टेशन पर पुलिस की पकड़ से भाग गए । मेरे छोटे भाई का एक खास मित्र था वह भी पुलिस से बचकर भागा और पास के ही टेलीफोन […]

वोटर मन चंचल भयो, चुनाव लेओ निपटाय

-हास्य व्यंग्य, गौरव त्रिपाठी, हल्द्वानी नमस्कार मित्रों! मैं हूं हर्नव रोस्वामी और आप देख रहे हैं अपना फेवरेट न्यूज चैनल डीडीएम (डरा-डराकर मारेंगे)। अब तक हमारी दिखाई खबरों से पूरा देश डरा हुआ है लेकिन हमारे नेता हैं कि डर ही नहीं रहे हैं। सबकुछ बंद हो चुका है बस ये चुनाव हैं कि रद्द […]

आप भूख से मर सकते हैं, कोरोना से नहीं

-हास्य व्यंग्य -गौरव त्रिपाठी, हल्द्वानी उत्तराखंड एक तो शहर में कोरोना फैल रहा है, उपर से संपादक जी ने कोरोना पर स्टोरी लाने को कह दिया। संपादक जी भी बिल्कुल हाथ सेनेटाइज करके पीछे पड़ गए हैं। (कोरोना काल में कई मुहावरे चेंज हो गए हैं)। दो अखबारों से निकाले जाने के बाद आधी तनख्वाह […]

*कड़वी* *चॉकलेट*

-विवेक वशिष्ठ साहित्यकार एवं स्तंभकार बचपन से मैं चॉकलेट को मीठा ही जानता हूं … मां पापा और बड़े तथा समझदार डॉक्टर भी चॉकलेट के लिए मना ही करते थे…. कोई कहता दांत खराब हो जाएंगे तो कोई कहता आंत खराब हो जाएंगी…. कुल मिलाकर समझदार लोग चॉकलेट के लिए मना ही करते … लेकिन […]

लुकार तंत्र के महंत

भोजपुरी व्यंग्य,  अरविंद विद्रोही, जमशेदपुर, झारखंड अपना देश में तंत्र -मंत्र के भरमार बा । मारण मंत्र, वशीकरण मंत्र, उच्चाटन मंत्र, अघोरी तंत्र –  मंत्र, एक तंत्र में शामिल बा आपन  लुकार  तत्र । लुकार तंत्र बा त एकर महंत होखे चाहिl  हर तंत्र के  नामी गिरामी  महंत  रहे लोग । आ जो  महंती परंपरा […]

एक रुपए का सिक्का

मुखिया जी के चौपाल का खबरी है पटवारी लाल । वह  प्रतिदिन चौपाल के लोगों को नया नया खबर लाकर सुनाता है । देश दुनिया की तमाम खबरें वह रखता है । किसी खबर को वह अपने पेट में पचाता नहीं है । भोपू मीडिया की तरह उसनेअपने कैरेक्टर को नहीं बना रखा है । […]

रोचक शीर्षक वाली अनूठी पुस्तक ये दिल सेल्फ़ियाना

समीक्षक : सुमंत विद्वान्स, कैलिफोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका पुस्तक समीक्षा/ये दिल सेल्फ़ियाना पुलिस का नाम लेते ही आमतौर पर लोगों के मन में किसी भ्रष्ट, कामचोर या क्रूर व्यक्ति की छवि उभरती है; कोई ऐसा व्यक्ति, जिससे गुंडे-बदमाश तो साँठगाँठ कर लेते हैं और आम आदमी घबराता है, लेकिन सब उंगलियां बराबर नहीं होतीं। अपवाद […]

क्या बन्दर थे हनुमान

एक नगर या गांव में एक से लेकर सैकड़ों तक बने हनुमान मन्दिरों में स्थापित हनुमान जी की मूर्तियों में सजे हनुमान जी के स्वरूप ने इस प्रश्न को यक्ष प्रश्न बनाकर रख दिया है कि हनुमान जी अपने वास्तविक रामायण पात्र रूप में क्या थे?| क्या वे एक बन्दर थे?,क्या वे एक आदि मानव […]

कब होगा भ्रष्टाचार रूपी दशानन का अंत

(आलेख)  आज हम सभी भले ही सच्चाई की जीत का जश्न मनाने को तैयार हो, किन्तु वास्तव में केवल यह हमने  एक मात्र परंपरा के रूप तक ही सिमित रख दी है | सोचा जाय तो हमने कभी भी भगवान श्री रामचन्द्र जी के आदर्शो पर चलने की कोशिश या कभी कल्पना मात्र भी नहीं […]

‘राम राम’

रामलीला अपने अंतिम दौर पर थी। राम हाथों में धनुष बाण लिए,  अपने सन्मुख खड़े रावण का संहार करने से पहले विचलित सा इधर -उधर घूम रहा था। दर्शक बड़ी उत्सुकता से नजरें जमाए मंच की ओर टकटकी लगाए देख रहे थे।  हर वर्ष यही होता है फिर भी देखने वालों की नजरों में उत्सुकता […]