September 06, 2020 0Comment

लुकार तंत्र के महंत

भोजपुरी व्यंग्य,  अरविंद विद्रोही, जमशेदपुर, झारखंड

अपना देश में तंत्र -मंत्र के भरमार बा । मारण मंत्र, वशीकरण मंत्र, उच्चाटन मंत्र, अघोरी तंत्र –  मंत्र,
एक तंत्र में शामिल बा आपन  लुकार  तत्र । लुकार
तंत्र बा त एकर महंत होखे चाहिl  हर तंत्र के  नामी गिरामी  महंत  रहे लोग । आ जो  महंती परंपरा कायम बाl हर महंत के आश्रम के आपन अलग-अलग रुतबा रहल बाl महंत लोगन के आपन अलग तरह के ढोंग रहलl एक-    एक ढोंगी मंथन के पीछे लोग आंख मूंद के खाड रहीl महान संत के प्रवचन सुने खातिर भेड़िया धसान होत चली ।. एक प्रवचन में लाखन ना करोड़ों रुपया खर्च होई । महंत के चेला खाटी शुद्ध भोजन खा खा के गदहा जइसे मोटा के अईठत चली हन । मंहथन के दिन के चरित्र  कुछ अउर आ रात्रि के चरित्र  कुछअउर । दिन के चरित्रआ रात चरित्र में आकाश-  पाताल के अंतर रहल  बा । जनलोकप्रियता के घटिया रूप रात में देखें के मिले ला,
गांजा, भांग, दारु- शराब के  साथ बिछावन गरम राखे के जुगाड़ भी रहेला, स्वर्ग के सुख से कम सुख कुछ महंत लोगना बटोरत रहे  लोग । कमरी ओढ़ के घी पिए वालन के कमी ना रहल बा । कुछ लोग के भेद खुला के बाद थू थू हो रहल बाl राम रहीम   आ  आशाराम बापू
जेल में ठूसा  गईल  बाडे ।
जब एजा लोकतंत्र में लूकर तंत्र घुसल बा त
एक करो महंत होखे  के नू चहि?  बाकी ए महंत के खोजी के ? आसाराम बापूआ राम रहीम से कई गुना
ए महंत के शिष्य बाड़ेl सीबीआई के बापो नईखन  खोज शकत । जे महंत के नम ली   ओ कर मुंह नोचा
जाई।ऊ जेल  मे ठूसा जाई । लोकतंत्र में जेके हूं मर्यादा के उल्लंघन करी ओ कर खैरियत ना बा ।
लुकार तंत्र के महंत के विषय में जाने सुने खातिर कुछ और समय चाही l प्रजातंत्र जब  लुका तंत्र में बदल गईल बा त लुकार तंत्र के चरित्र ढूंढने में समय लागी । जेजे कमरी ओढ़ के घी  पी रहल बा । एक दिन ना एक दिन भेद खुल कर  रही तब महंत जी अपने आप आश्रम से बाहर आजहिअन। आ चेला लोग मुंह ताकत रजाई ।

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gtripathi

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