– हंसिका रौतेला
सामने पहाड़ खड़ा है?
काट दो इसे।
यहां नदी बहती है?
इस पर हम बांध बनाएंगे।
यह जो घना जंगल है,
कितना पुरातन!
हम आधुनिकता के पुजारी हैं,
हम यहां सड़कें बनाएंगे।
जानवर था, मार दिया।
जानवर है, कम विकसित है।
खतरनाक है!
वह सही ग़लत की समझ नहीं रखता।
एसलिए मार दिया, क्या बुरा किया?
अरे! यह क्या!
त्रासदी!
हमारे कांक्रीट के जंगल धंसने लगे!
भूस्खलन!
भूकंप!
बाड़!
क्या? प्रकृति का संतुलन बिगड़ गया!?
हाए कलियुग! हाए कलियुग!
हांँ, यह सब कलियुग की ही तो देन है।
January 11, 2023
3Comments
January 13, 2023
Very nice keep it up.
January 13, 2023
Very nice keep it up
January 16, 2023
बहुत सुंदर