Category: कविता

नारी तू नारी से  ईर्ष्या करती आयी है

नारी तू नारी से  ईर्ष्या करती आयी है। तभी तू जाग कर भी नही उठ पायी  है। सास बहू ननद भाभी की , कहानी कहती आयी हैं तू पुरूष से दबती,  स्त्री को दबाती आयी है। पुत्र की चाह में पुत्री को दिया गर्भ में मार क्या बेटा व बेटी में। तू अंतर कर पाई […]

बदलता जमाना

अब कोई है न सीता वह धनुष जो उठाए कोई है ना राम जो शिव धनुष जो तोड़े । अब केवल दशानन इंसान हैं सारे। मंथरा कैकेई से नारी के साये। थे तब रीछ बानर भालू भी अपने गिलहरी काग, गरुड़ भी स्वजन थेेे अब भाई भाई की हैं सुपारी ही देते, कैसा समय ये […]

गायब होते मड फलैप

आज सुबह होते ही हुआ आफिस के लिए तैयार जैसे निकला वैसे ही इंद्र देव ने किया बारिश का प्रहार होते ही बारिश का प्रहार, मन ही मन सकुचाया कैसे जाउं अब आफिस कुछ समझ ना समझ नहीं आया किया तैयार मन को आफिस जाने के लिए और उठाई बाइक और हम चल दिए चलते-चलते […]

मन हरण घनाछरी

ना समझो बेटी भार, है ये सृष्टि का आधार, देके शिक्षा हथियार , जीवन बचा इ ये। खुशियों के  भरो रंग, दीजिए नई तरंग, पढ़ा इन्हे बेटों सम, गौरव दिलाइए। मानो ना इन्हें पराई, लोगों से करो लड़ाई, सुन लो पुकार अब, रीत ये चलाइए। जिनके हैं मन काले, नारी बस देह लागे, ऐसे दुराचारी […]

कविता की खोज में…..

कभी बारिश को काट लेते हैं तो कभी सूर्य की किरणों को नाप लेते हैं, कभी सड़क किनारे रोते हुए बालक के आंसुओं को पहचान लेते हैं, तो कभी दुष्कर्म पीड़िता का दर्द जान लेते हैं, कभी छलांग आग में लगाते हैं तो कभी हवा पर दौड़ने लग जाते हैं, कभी देश भक्त हो जाते […]

अब छोड़ो भी

इससे, उससे आंख मिलाना, ताक झांक कर गाने गाना, घर वाली पर रौब जमाना, अब छोड़ो भी इसकी, उसकी चुगली खाना बेईमानों का साथ निभाना फंस जाने पर सिर खुजलाना, अब छोड़ों भी कद्दू लौकी के भाव बढ़ाना हां जी हां जी झपताल बजाना चौराहे पे,शाम को जाना, अब छोड़ो भी। मैली गंदी टोपी लाना […]

झूठे सच्चे ख्बाव दिखाना अच्छी बात नही होती

झूठे सच्चे ख्बाव दिखाना अच्छी बात नही होती किसी को सारी रात जगाना अच्छी बात नही होती, कभी किसी शब याद में आँखे नम हो जाएं चलता है रोज़ रोज़ तकिये को भिगाना अच्छी बात नही होती, पूनम की है रात नहा मत दरिया में… यूँ पानी मे आग लगाना अच्छी बात नही होती वो […]

वंदना

नित नित मैं तेरा ध्यान करूँ, हे  माँ  तेरा गुणगान करूँ, ज्ञानप्रदायनी, वीणावादनी, माँ  तेरी  जयकार  करूँ,…. तेरे आंचल में जो आता, जीवन धन्य धन्य हो जाता, ज्ञान प्रफुल्लित चहुँ दिशा में, दीपक बनकर सदा फैलाता, माँ कर दे राह मेरी आलोकित, नमन  मैं  बारम्बार  करूँ, ज्ञानप्रदायनि वीणावादनी, माँ तेरी जयकार करूँ……… नित नित मैं […]