-मनीष पाठक, हल्द्वानी
मेरा परिवार हैं मुझे सबसे प्यारा,
जिसके बिना हैं पूरा संसार न्यारा।
जिस पर हो परिवार का सहारा,
वो हर किसी को होता हैं प्यारा।
परिवार ही सबकुछ,परिवार ही सम्मान हैं।
बिना परिवार के मिलता हर किसी को अपमान हैं।
परिवार ही भक्ति,परिवार ही शक्ति
बिना परिवार के ना हो पाती किसी की पूर्ति हैं।
जब तक हो परिवार का आशीर्वाद,
तब तक रहता जीवन बेडापार।
जब तक हो परिवार का साथ,
सारी परेशानियां चली जाती अपने आप।
परिवार का साथ,परिवार का विश्वास।
खुशियाँ लाता पास-पास
परिवार ही धन,परिवार ही मन,
बिना परिवार के कही नहीं हैं अपनापन।
मेरा परिवार,मेरी शक्ति।
हर वक़्त करू में इसकी भक्ति।
जय हिंद जय भारत