Tag: gaurav tripathi

उनके बोलने का अंदाज निराला है

Anjali, haldwani सूरज सा तेज है, उनमें। कृष्ण की बांसुरी की धुन जैसी उनकी मुस्कान है। आंखों पर उनके चश्मा शान्त उनका स्वभाव है। सर्वश्रेष्ठ कवि हैं वो। गौरव त्रिपाठी सर उनका नाम हैं उनके बोलने का अंदाज, निराला है। ग्रे और ब्लू कलर उनको भाता है । उनका शान्त स्वभाव सबको, अपना बनाता है। […]

वोटर मन चंचल भयो, चुनाव लेओ निपटाय

-हास्य व्यंग्य, गौरव त्रिपाठी, हल्द्वानी नमस्कार मित्रों! मैं हूं हर्नव रोस्वामी और आप देख रहे हैं अपना फेवरेट न्यूज चैनल डीडीएम (डरा-डराकर मारेंगे)। अब तक हमारी दिखाई खबरों से पूरा देश डरा हुआ है लेकिन हमारे नेता हैं कि डर ही नहीं रहे हैं। सबकुछ बंद हो चुका है बस ये चुनाव हैं कि रद्द […]

आप भूख से मर सकते हैं, कोरोना से नहीं

-हास्य व्यंग्य -गौरव त्रिपाठी, हल्द्वानी उत्तराखंड एक तो शहर में कोरोना फैल रहा है, उपर से संपादक जी ने कोरोना पर स्टोरी लाने को कह दिया। संपादक जी भी बिल्कुल हाथ सेनेटाइज करके पीछे पड़ गए हैं। (कोरोना काल में कई मुहावरे चेंज हो गए हैं)। दो अखबारों से निकाले जाने के बाद आधी तनख्वाह […]

गौरव त्रिपाठी बने शोभना फिल्म फेस्टिवल-2020 की चयन समिति के सदस्य

हल्द्वानी। उत्तराखंड के प्रसिद्ध हास्य कवि एवं उपन्यासकार गौरव त्रिपाठी को शोभना फिल्म फेस्टिवल-2020 की चयन समिति का सदस्य चयनित किया गया है। बता दें कि शोभना वेलफेयर सोसाइटी, दिल्ली के तत्वावधान में शोभना फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। फेस्टिवल के संस्थापक एवं फेस्टिवल निदेशक सुमित प्रताप सिंह ने बताया कि शोभना […]

दिल्ली दूर है?

अपने गृहक्षेत्र में नौकरी करने का लालच अधिकतर लोगों को लक्ष्य बदलने के लिए मजबूर कर देता है। भले वो ‘घर की मुर्गी दाल बराबर ही क्यों न हो।’ लेकिन व्यक्ति घर में दाल मखनी बनने के लिए पूरी उम्र गुजार देते हैं। यही सोच मुझे छत्तीसगढ़ से यूपी और यूपी से उत्तराखंड के हल्द्वानी […]

कलियुग में रामलीला

त्रेतायुग में रामलीला चल रही थी कि एक राक्षस ने ब्रहमलोक पहुंचकर विधि के विधान में छेड़छाड़ कर दी। इससे सारे पात्र कलियुग में पहुंच गए। मां सीता के अपहरण के बाद अचानक जलवायु में हुए परिवर्तन को भगवान राम भी समझ नहीं पाए। घने जंगल मल्टी स्टोरीज बिल्डिंगों में बदल गए। ताजी हवा की […]

पप्पू तो रावण की सेना में जाएगा

हास्य-व्यंग्य रामलीला का सीजन आते ही चंदा शुरू, धंधा शुरू और कटना बंदा शुरू। पहले शहर में एक रामलीला होती थी, आजकल हर मोहल्ले में होती है। सबकी अलग-अलग रामलीला कमेटी। हर कमेटी का अलग चुनाव। चुनाव के लिए हर साल महाभारत। सुना है कि इस बार रामलीला कमेटी के पूर्व अध्यक्ष ने वर्तमान अध्यक्ष […]