दैण हैजा माता मेरी सरस्वती, दिये माता भौल बुलाण भलि मति, एक हाथ किताब त्यौर, एक हाथ छौ वीणा, मैं बालक अबोध अज्ञानी, आयूँ मैं तेरी शरणा, हाथ जोड़नूं त्यौर खूटांमां, जलनूँ माता धूप बाती, दैण हैजा माता मेरी सरस्वती,…
नित नित मैं तेरा ध्यान करूँ, हे माँ तेरा गुणगान करूँ, ज्ञानप्रदायनी, वीणावादनी, माँ तेरी जयकार करूँ,.... तेरे आंचल में जो आता, जीवन धन्य धन्य हो जाता, ज्ञान प्रफुल्लित चहुँ दिशा में, दीपक बनकर सदा फैलाता, माँ कर दे राह…