-सुबोध कुमार शर्मा शेरकोटी, गदरपुर उधम सिंह नगर यह कैसी शर्मिन्दी है हिंदी भारत मां की बिंदी है। अपनी ओर निहारो तुम इसको जरा सँवारो तुम ।। सौंदर्य भारती का है यह इसकी जग में बुलन्दी है।। सरल विमल है जिसकी छवि ज्योतिर्मय हो जैसे रवि प्रकाश पुंज है भावों का मर्यादा की ह दबंदी […]