(आलेख) आज हम सभी भले ही सच्चाई की जीत का जश्न मनाने को तैयार हो, किन्तु वास्तव में केवल यह हमने एक मात्र परंपरा के रूप तक ही सिमित रख दी है | सोचा जाय तो हमने कभी भी भगवान श्री रामचन्द्र जी के आदर्शो पर चलने की कोशिश या कभी कल्पना मात्र भी नहीं […]
(आलेख) आज हम सभी भले ही सच्चाई की जीत का जश्न मनाने को तैयार हो, किन्तु वास्तव में केवल यह हमने एक मात्र परंपरा के रूप तक ही सिमित रख दी है | सोचा जाय तो हमने कभी भी भगवान श्री रामचन्द्र जी के आदर्शो पर चलने की कोशिश या कभी कल्पना मात्र भी नहीं […]
अब कोई है न सीता वह धनुष जो उठाए कोई है ना राम जो शिव धनुष जो तोड़े । अब केवल दशानन इंसान हैं सारे। मंथरा कैकेई से नारी के साये। थे तब रीछ बानर भालू भी अपने गिलहरी काग, गरुड़ भी स्वजन थेेे अब भाई भाई की हैं सुपारी ही देते, कैसा समय ये […]
हल्द्वानी के मंगल पड़ाव,होली ग्राउन्ड के आस-पास कुछ गहमा- गहमी थी ,रोज से ज्यादा साफ-सफाई और लोग कुछ सम्हले से किनारे चल रहे थे। जिन्हें नहीं पता था उनके दिमाग में कई सवाल उभर आये थे । तभी देखा कि साक्षात राम-लक्ष्मण का रुप धरे युवा-किशोर जन-समूह के साथ चले आ रहे हैं । सभी […]
हास्य-व्यंग्य रामलीला का सीजन आते ही चंदा शुरू, धंधा शुरू और कटना बंदा शुरू। पहले शहर में एक रामलीला होती थी, आजकल हर मोहल्ले में होती है। सबकी अलग-अलग रामलीला कमेटी। हर कमेटी का अलग चुनाव। चुनाव के लिए हर साल महाभारत। सुना है कि इस बार रामलीला कमेटी के पूर्व अध्यक्ष ने वर्तमान अध्यक्ष […]