Tag: independence day par kavita

वीरों का सम्मान

-ललिता परगाँई, गौलापार हल्द्वानी मैं करू नमन उन वीरों को … जो देकर अपने प्राण गये । माँ भारतीय की सान की खातिर.. जो सरहद पर शहीद हुए । अपनी माँ के राजदुलारे… उनको जिसने जन्म दिया । कैसे मन समझाए वो मात-पिता… जिसके घर का चिराग गया । धन्य है वो मां जिसने… देश […]

मैं और मेरा हिंदुस्तान

-किरन सागर नगर निगम बालिका इंटर कालेज काठगोदाम मैं मेंरे हिन्दूस्तान से बहुत प्यार करती हूँ, शहीद हुए हर एक जवान पर अभिमान करती हूँ, हर शहीद के बहाए लहू का सम्मान करती हूँ। लहू देकर जिसकी हिफाज़त की इन वीरों ने, देश की उस मिट्टी को मन से प्रणाम करती हूँ। हर जुबान से […]

गणतंत्रता

-कोमल भट्ट महज़ किरदार ही क्यों.., खुद में एक कहानी बनो हिंदू–मुस्लिम तो ठीक है, पर पहले एक हिंदुस्तानी बनो!! स्वतंत्रता के बाद भी ये सिलसिला न खत्म हुआ, लड़ते रहे आपस में और दी देश को ब-दुआ | आज़ादी के बाद फिर सोचा संविधान लाना होगा, हिंदू-मुस्लिमों को पहले हिंदुस्तानी बनाना होगा | तभी […]

भारत का गौरवशाली इतिहास

– हर्षिता जोशी, हल्द्वानी आज हमने इतिहास के पन्नों को पलटाया है भारत का अतीत इन आँखों को दिखाया है खिसक गई पैरों से धरती आकाश ने हुंकार भरी पलट गई धरती सारी देह में नई चेतना जागी रोम-रोम प्रफुल्लित हुआ जब आर्यावर्त का अघोर अतीत सामने आया उत्तर से लेकर दक्षिण तक पूरब से […]

उन पर्वतों से मैंने पूछा

– हिमांशु नेगी उन पर्वतों से मैंने पूछा यह लाल क्यों है तुम्हारी भूमि क्यो ये नीर बह रही लहू से , क्यों यह गगन रूठा है मुझसे । रूठने की वजह बेशक व कारगिल है जहां पग बड़े उन अनजान के, जो हथियाने आए थे ताज हिंदुस्तान के भगाया उनको ज्ञान से हथियार से […]

अगर न होते हमारे देश के ये वीर जवान

-बिपाषा पौडियाल, हल्द्वानी “अगर न होते हमारे देश के ये वीर जवान, तो सोचो कैसा होता हमारा ये देश महान” अपनी जान की परवाह किये बिना सरहद पर सीना तान खड़े है देखो उन वीरों को जो हमारे देश के लिए दिन रात लडे है उनका भी तो है अपना घर- परिवार उनकी भी तो […]

घर-घर तिरंगा

-अमीशा रावत, निर्मल आश्रम ज्ञान दान अकादमी, ऋषिकेश अखबार के उस पन्ने पर छपा था एक ज्ञापन, घर-घर लगेंगे झंडे, हुई मैं तत्पर इस शुभ अवसर पर। पर क्या! देखा एक निर्बल जन को कहता जो, झंडा तो है मेरे पास पर घर तो हो रहने को विस्मित हो देखा मैंने उसके मुख को। सोचा […]

नित नूतन रश्मि संग सजकर

-आशा बाजपेयी ‘संभवी’ उधमसिंह नगर व्याख्या पढने आता है । नित नूतन रश्मि संग सजकर दिनकर कुछ कहने आता है। उच्च लहर लहराए तिरंगा यह कर्त्तव्य बताने आता है स्वाभिमान की खातिर ही जो रक्त भाल तिलक सजाता है नई आख्याएँ अमिट ओज की सपने उनके ही तब बुन पाते हैं उन सिंह वीरों की […]

भारत को श्रेष्ठ बनाएंगे

-पूजा नेगी (पाखी) भारत को श्रेष्ठ बनाएंगे आजाद हिंद की धरती पर हम वीर सपूत कहलायेंगे। आओ हम सब मिल जुलकर भारत को श्रेष्ठ बनाएंगे। यहाँ योग-साधना कण-कण में बसती है आस्था जन-जन में। जो धरती सबकी जननी हैं। इसे मिलकर स्वर्ग बनाएंगे। होगा सभी का उद्धार यहाँ हर दिल का बैर मिटाएंगे। हिंदू-मुस्लिम,सिख-ईसाई सब […]