January 15, 2023 4Comments

गणतंत्रता

-कोमल भट्ट
महज़ किरदार ही क्यों..,
खुद में एक कहानी बनो
हिंदू–मुस्लिम तो ठीक है,
पर पहले एक हिंदुस्तानी बनो!!
स्वतंत्रता के बाद भी ये सिलसिला न खत्म हुआ,
लड़ते रहे आपस में और दी देश को ब-दुआ |
आज़ादी के बाद फिर सोचा संविधान लाना होगा,
हिंदू-मुस्लिमों को पहले हिंदुस्तानी बनाना होगा |
तभी देश की जीत होगी, तभी देश की प्रगति,
तभी देश निखरेगा, और निखरेगी ये प्रकृति ,
कदमों से कदम मिलेंगे ,जब कंधों से कंधा मिलेगा,
एकता बढ़ेगी आपस में, और समाज यूहीं बदलेगा |
संविधान लाना होगा, सोच को बढ़ाना होगा,
लड़का- लड़की समान हैं, लोगों को यह बताना होगा |
तभी देश पढ़ पाएगा, बढ़ पाएगा यह तभी,
बलात्कार न होंगे कन्याओं के, सोच जो हमने बदल ली |
हिंदू-मुस्लिम विवाद न होगा, न जान लगेगी दाव पर,
गणतंत्रता जो आ गई तब, सब हिंदुस्तानी साथ चल |
दुश्मन देश न चल पाएगा, न टिक पाएगा सामने,
हिंदु-मुस्लिम हैं नहीं, तू पहले है हिंदुस्तानी ठान लें|
संविधान लाना होगा, गणतंत्रता लानी होगी,
देश के परिवर्तन के लिए, रचनी नई कहानी होगी ||

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gtripathi

4 comments

  1. I really like your poem…
    It’s really inspired me…
    I love your poem…
    Keep writing … And god bless you❤ ❤

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    1. Hmm I also think the same

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  2. Fabulous
    Maza aa gaya

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  3. Aapke jese honhar bachhe hi hamare desh ka or shemford ka ujjawal bhawishya he
    Nice poem

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