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सर्दी का मौसम

-प्रियदर्शनी खोलिया, हल्द्वानी सर्दी का है मौसम आया, आसमान में कोहरा छाया। कहीं पड़ेंगे ओले, तो कहीं पड़ेगी बरफ, पर यह ठंड तो छा गई हर तरफ। सब के गर्म कपड़े जैसे स्वेटर और जैकेट निकल जाते हैं, बाजारों में गुड़ मूंगफली और सेब केले ही आते हैं। बच्चों के स्कूल हो जाते हैं बंद, […]

हाए कलियुग!

– हंसिका रौतेला सामने पहाड़ खड़ा है? काट दो इसे। यहां नदी बहती है? इस पर हम बांध बनाएंगे। यह जो घना जंगल है, कितना पुरातन! हम आधुनिकता के पुजारी हैं, हम यहां सड़कें बनाएंगे। जानवर था, मार दिया। जानवर है, कम विकसित है। खतरनाक है! वह सही ग़लत की समझ नहीं रखता। एसलिए मार […]

मृत्यु को मैं जी रही

-डॉ. शबाना अंसारी विरह में प्रियतम के संसार ही सुनसान है घुट घुट के जी रही विष ये भी पी रही तुम बिन मेरे प्रियतम मृत्यु को मैं जी रही सात वचनो में बंधी देह को तेरी किया धूल चरनो की तेरी मांग में अपनी भरा इससे जियादा किया करूं ये वचन कम तो नहीं […]

मत विनाश के द्वार को खोलो

-डॉ. भगवती पनेरू, हल्द्वानी, नैनीताल कुछ तो सोचो !! कुछ तो समझो !! मनु की ऐ संततियो!! अब तो ——- ???? मानव – मन की आंखें खोलो !! ये ऋषियों, मुनियों की धरती मत खिलवाड़ करो इनसे तुम! ये देवों की तपोभूमि है, मत पिकनिक स्पॉट बनाओ ! मत काटो प्रहरी पर्वतों को, मत यहां […]

हाड़ कंपाती बर्फीली हवा

-पूरन भट्ट, हल्दूचौड़ दोस्तो, कहना न होगा कि धुंध से उपजी ठंड और सूर्य की रश्मियों में अपना वर्चस्व सिद्ध करने का जो प्राकृतिक ड्रामा चल रहा है उसने तो हमारा जीना मुहाल किया हुआ है ! हाड़ कंपाती बर्फीली हवा नाक और कान सुन्न करते हुए सीमा पर खड़े जवानों की याद ताज़ा कर […]

तिरंगा -गीत

-डॉ. गीता मिश्रा ‘गीत’, हल्द्वानी, उत्तराखण्ड स्वाभिमान से हिन्द तिरंगा घर – घर में लहरायेगा। आन शान सम्मान हमारा,फहर -फहर-फहरायेगा।। 1. लगे हुए थे जो दुश्मन अपना षडयन्त्र रचाने में, झुके नहीं उनके आगे,झंडे का मान बचाने में।। देश-भक्ति सर्वस्व समर्पण देख शत्रु थर्रायेगा।। स्वाभिमान से हिन्द तिरंगा,घर -घर में लहरायेगा।। 2.अगणित बार पुनीत तिरंगा […]

मां!

-डॉ.आभा सिंह भैसोड़ा, हल्द्वानी मां तो मां ही होती है , वो जवान,ना बूढ़ी होती है । पर्याय,खूबसूरती का करती वहन, होती अहसास का वो आह्वाहन। मां के माथे की हर लकीर , होती उसके श्रम की ही तस्वीर। इन लकीरों की कोशिश ही तो, बनाती है हमारी तकदीर । मां का हर भाव और […]

लगता है ठंड बढ़ रही है

-किरन पंत’वर्तिका’, हल्द्वानी उत्तराखंड गलियां सब सुन्न पड़ गयी है दिन ढलने लगा है जल्दी हवाएं भी सर्द पड़ रही हैं लगता है ठंड बढ़ रही है। सब साथ बैठने लगे हैं घर आने लगे हैं जल्दी मिलकर खूब गप्पे चल रही हैं लगता है ठंड बढ़ रही है। यही बात सुबह में कुछ खास […]

राज़्य की उन्नति ही राष्ट्र की उन्नति

-हेमलता, रूद्रपुर, उधम सिंह नगर राज्य शक्तिशाली है तो, राष्ट्र का कुछ नही बिगड़ पाएगा जन जन अगर बात समझेगा तो देश उन्नति कर पाएगा। बूंद बूंद से सागर बनता यह बात पहचाननी होगी, देश भक्ति की लौ, हर दिल में जगानी होगी। इस गौरवान्वित धरती की, बात अजब निराली है, इसके खेतो में सोना […]

बीना फूलेरा बनीं साहित्यकार ऑफ द मंथ

हरफनमौला वेबसाइट की दिसंबर माह की प्रतियोगिता में रहीं विजयी हल्द्वानी। हरफनमौला वेबसाइट की ओर से दिसंबर में आयोजित मासिक काव्य प्रतियोगिता में बीना फूलेरा की कविता ‘अरे! नवयुवक…’ और कहानी ‘अक्श का धुंध’ को 500 से अधिक व्यूज मिले हैं। इस उपलक्ष्य में संस्था की ओर से उन्हें डिजिटल सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। […]