Tag: haldwani ke kavi

आस्था पर भारी महामारी

अमृता पांडे, हल्द्वानी नैनीताल, उत्तराखंड आस्था का द्वार हरिद्वार इस वर्ष महाकुंभ का केंद्र है। 5 वर्ष पूर्व 2016 में भी यहां पर अर्ध कुंभ हुआ था। तब सब कुछ सामान्य था।जब  इतना बड़ा आयोजन  हो तो व्यवस्था में कहीं ना कहीं कोई कमी या कोई चूक हो जाती है यह बात असामान्य नहीं है […]

कोरोना को ना पास बुलाएं, आओ अब सौगंध ये खाएं

राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित विराट कवि सम्मेलन में कवियों ने बांधा समां हल्द्वानी। हरफनमौला साहित्यिक संस्था की ओर से दीपावली एवं राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में रविवार को दिन में 12 बजे से मंगलम मैरिज लाॅन में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान कवियों ने कोरोना काल मेें मनुष्य का […]

ना जाने कियू

-अंजलि, हल्द्वानी ना जाने बेटियों को कियू सही से उठो बेठो समझाया जाता है। सही से कपड़े पहनो और डुब्बटा डालो बताया जाता है। दर्द सहने का तो मानो सारा हिसाब बताया जाता है। 5 दिन का दर्द सहती है वो डरी-डरी रहती हैं फिर भी उसे सब कारणों की वजह बताया जाता है। 17 […]

नहीं पटाखे इस बार जलाएं

-डाक्टर भगवती पनेरू प्रवक्ता हिंदी,बिड़ला स्कूल हल्द्वानी कोविद से रहना है दूर, नियम ये मानने होंगे ज़रूर– कोरोना को न पास बुलाएं, दीवाली दीपों की मनाएं। दीवाली में दीप जलाएं, घर-घर में खुशियां छा जाएं। नहीं पटाखे इस बार जलाएं, धुआं बारूदी नहीं उड़ाएं। हवा को मिल-जुल स्वच्छ बनाएं, नहीं प्रदूषित उसे बनाएं। कोरोना का […]

पापा की लाडली

-अंजलि, हल्द्वानी पापा की लाडली हूँ उन्हे पहचानती हूँ, पापा तो कम ही बोलते हैं उन्हें जानती हूँ। पापा की लाडली हूँ, आदतें पहचानती हूँ। पापा यू तो कम ही बोलते हैं जानती हूँ। लेकिन राज जब दिल के खोलते हैं, तो उनके आँखो के आसू बोलते हैं। पापा की लाडली हूँ उन्हे पहचानती हूँ। […]

माँ के गर्भ में बेटी की पुकार

-अंजलि, हल्द्वानी माँ तेरी एक एक हँसी से में भी खुश होती हूँ । तू रोती है तो मैं भी रोती हूँ । तू कितनी प्यारी है माँ कब तू अपने हाथों में पकड़े मुझे ये सोच कर खुश होती हूँ । माँ तेरी एक एक हँसी से में भी खुश होती हूँ । तू […]