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ग़ज़ल लिखूं या लिखूं कोई कविता

-कमल सिंह, हल्द्वानी ग़ज़ल लिखूं या लिखूं कोई कविता कसम कहूं या कहूं उसे कोई दुविधा।। प्रेम है या है कोई बद्दुआओं का सितम हर मोड़ पे दिखती अब कोई नयी दुविधा।। ग़ज़ल लिखूं तो उसे समझाये कौन? शायरी लिखूं तो उसे बताये कौन? कभी लिख देता हूं एक छोटी सी कविता, मगर दिख जाती […]

जब आकाश धरा से कहता है

-किरन पंत’वर्तिका’, हल्द्वानी  जब आकाश धरा से कहता है तेरी कोख में जब कोई रोता है मानवता जब कुम्हलाती है मेरी आंख से आंसू बहता है। जब आकाश……. रिमझिम फुहारों के बीच में कोई अश्रु चक्ष छुपाता है कोई रातों को सन्नाटे में खुद को खुद से ही बचाता है जब आकाश…….. तेरे आंचल में […]

बिना मांगे कुछ बहुत अच्छा मिल जाना है खुशी

-जया कुंवर, हल्द्वानी जो चाहा उसको पा लेना है खुशी या बिना मांगे कुछ बहुत अच्छा मिल जाना है खुशी? सुकून भरी नींद है खुशी या रात भर जाग कर दोस्तो के साथ बतियाना है खुशी? खूब प्यास लगने पर ठंडा पानी मिल जाना है खुशी या कड़ी धूप में काफी लंबा बिन थके चल […]

ये सावन

-बीएस गौनिया ये सावन तुम्हारे हमारे लिए हैं ? या यूँ ही वहम इसे मैं समझ लूँ… बोलो… बारिस की छुवन लगे तन-मन अगन जो तुम ही नहीं तो ये कैसी लगन… बोलो… ये सावन तुम्हारे… ये कारी घटा लागे अद्भुत छटा मन क्यों मयूरा नाचे पंख हटा… बोलो… ये सावन तुम्हारे… ये प्यासा सावन […]

हरेला पर्व को यादगार बनाएं

-बीना सजवाण, हल्द्वानी हरेला पर्व की इस पावन बेला पर, अपनी संस्कृति आगे बढ़ाएं, पेड़ लगाए प्रकृति बचाएं, हरेला पर्व को यादगार बनाएं।। चारों धर्म की हो एक ही कहानी, भारत में फैलाए हरियाली, सबकी हो यही शिक्षा, प्रकृति की करनी है रक्षा।। हर मंदिर में बैठे यही प्रसाद, पेड़ पौधे और खाद। हर मस्जिद […]

पेड़ लगाएं धरती बचाएं

-बीना सजवाण, हल्द्वानी पेड़ लगाएं धरती बचाएं आओ मिलकर पर्यावरण दिवस मनाए। पेड़ पौधे हैं लाभकारी पर्यावरण के लिए है हितकारी।। मन में करो कुछ मनन जिससे पर्यावरण का ना हो हनन पेड़ों की जब करोगे रक्षा तभी पर्यावरण होगा अच्छा।। हे मानव जीवन सुरक्षित चाहते हो तो करो यह समझदारी पर्यावरण सुरक्षा की हर […]

नियति और जिंदगी

-आशा बाजपेयी ‘संभवी’ अचानक आज सुमन को अपने घर में देख कर मन बहुत प्रसन्न हो उठा, वह पहले वाली चुलबुली बिंदास सुमन फिर से लौट आई थी उसके चेहरे पर छाई खुशी देखकर मन गदगद हो गया ,वह मिलते ही गले लग गई l बोली -“बिमला कैसी है?” “आंटी से पता चला कि तुम […]

एक दिन का योग

-ललित भट्ट, हल्द्वानी 21 जून है दिवस आज कर रहा है विश्व योग, एक दिन में ही प्रकृति संघ बनाना चाहें संयोग, थोड़ा संशयी और अचंभित हूं मैं, एक दिन के ही योग से कैसे भागेंगे रोग।। नित्य करें जो हम योग व शारीरिक कर्म, स्वत: ही दूर हो जाएंगे हमारे सारे मर्म, दौड़ भाग […]

अपना बनाना चाहता हूं

-नीरज मिश्रा मै भी बिज़ी होना चाहता हूं। दिल में बहुत कुछ है सब बताना चाहता हूं। मै भी किसी के लिए बहुत खास होना चाहता हूं। मै भी किसी की ख्वाहिश बनना चाहता हूं। हा मै भी किसी को अपना बनाना चाहता हूं।।2।। मै भी किसी के सपनो में आना चाहता हूं। मै भी […]

द्वेष क्लेश के भाव जला डालो होली में…

होली के उपलक्ष्य में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन हरफनमौला साहित्यिक संस्था की ओर से होली के उपलक्ष्य में जगदंबानगर स्थित सेक्रेड हार्ट स्कूल परिसर में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान दूर-दूर से आए कवियों ने अलग-अलग विधा में कविता सुनाकर विभिन्न रंग बिखेरे। सेक्रेड हार्ट के प्रबंधक दीपक पाॅल ने […]