Tag: gaurav tripathi ke vyangya

साहित्यिक परिवेश का शैशव काल

-मोहन चंद्र जोशी, वरिष्ठ साहित्यकार लालकुआं हरफनमौला साहित्यिक संस्था और हास्य-व्यंग के सशक्त हस्ताक्षर गौरब त्रिपाठी एक दूसरे के समपूरक, ध्रुव हें, संभवतया वह किसी परिचय के मोहताज नहीं। साहित्यिक परिवेष अभी कुछ ही वर्षों का हुवा है इसे शैशव काल कहा जाय तो अतिशयोक्ति नहीं होगी , पर जिस सुदृढता के साथ गतिविधियों का […]

वोटर मन चंचल भयो, चुनाव लेओ निपटाय

-हास्य व्यंग्य, गौरव त्रिपाठी, हल्द्वानी नमस्कार मित्रों! मैं हूं हर्नव रोस्वामी और आप देख रहे हैं अपना फेवरेट न्यूज चैनल डीडीएम (डरा-डराकर मारेंगे)। अब तक हमारी दिखाई खबरों से पूरा देश डरा हुआ है लेकिन हमारे नेता हैं कि डर ही नहीं रहे हैं। सबकुछ बंद हो चुका है बस ये चुनाव हैं कि रद्द […]

गौरव त्रिपाठी सर और हरफनमौला साहित्यिक संस्था के मायने

_______________20 अक्टूबर 2019________________ -मंथन रस्तोगी, हल्द्वानी, मुलाकात विद मंथन ग्रीन वुड्स पब्लिक स्कूल के कैंपस में लगे हरफनमौला साहित्यिक संस्था के पोस्टर को केवल देख कर मैं, महसूस कर पा रहा था कि यह पोस्टर जिस इवेंट का है, वो इवेंट मेरी ज़िन्दगी में मेरे लिए हमेशा ख़ास रहने वाला है चूंकि पहला है । […]

आप भूख से मर सकते हैं, कोरोना से नहीं

-हास्य व्यंग्य -गौरव त्रिपाठी, हल्द्वानी उत्तराखंड एक तो शहर में कोरोना फैल रहा है, उपर से संपादक जी ने कोरोना पर स्टोरी लाने को कह दिया। संपादक जी भी बिल्कुल हाथ सेनेटाइज करके पीछे पड़ गए हैं। (कोरोना काल में कई मुहावरे चेंज हो गए हैं)। दो अखबारों से निकाले जाने के बाद आधी तनख्वाह […]