Tag: bhimtal

हाए कलियुग!

– हंसिका रौतेला सामने पहाड़ खड़ा है? काट दो इसे। यहां नदी बहती है? इस पर हम बांध बनाएंगे। यह जो घना जंगल है, कितना पुरातन! हम आधुनिकता के पुजारी हैं, हम यहां सड़कें बनाएंगे। जानवर था, मार दिया। जानवर है, कम विकसित है। खतरनाक है! वह सही ग़लत की समझ नहीं रखता। एसलिए मार […]

बारिश

-डॉ. शबाना अंसारी, भीमताल बूंद बारिश की हवा की सिमत गिरती है दोनो मिलके मौसम की बहारो को दोवाला करती है तुमको मुड़ना था हवा के रुख के साथ हम वही पर कहीं तुमको इंतजार करते मिल जाते मौसम की खुमारी में हमारे साथ होने से वो सारे दाग धुल जाते जो हम दोनो पे […]

मेरे लिए आप ही सबसे महान हो

मेरी दुनिया, मेरा जहान हो मेरे लिए आप ही सबसे महान हो अगर मेरी मां, मेरी जमीन है तो पापा आप मेरे आसमान हो, मेरे पिता, मेरी परछाईं हो। एक संभव हो आप एक विश्राम हो आप, आपसे है अस्तित्व मेरा पिता ये नाम हो आप मेरे पिता, मेरी परछाई हो आप। मेरी परछाई मुझे […]

पिता होते बच्चों की परछाईं

जैसे मां होती बच्चों की फुलवारी वैसे ही पिता होते बच्चों की परछाईं खिलौने लाते सदा पिताजी, डांटकर मनाते सदा पिताजी, सबके पिताजी एक हमारे पिताजी हमारे लिए लाते नमकीन बिस्कुट और केक पिता होते बच्चों की परछाईं पर कभी-कभी बच्चे कर देते उनकी बुराई बच्चे और पिता का रिश्ता होता है अनोखा दुनिया में […]

देखा है मैंने एक फरिश्ता मेरे पिता के रूप में

मुझे छांव में रखा, खुद जलते रहे धूप में हां देखा है मैंने एक फरिश्ता मेरे पिता के रूप में, प्रेम के सागर से पूरे संसार को सींचा है, वो मेरा संसार रूपी एक बगीचा है मुझे छाता ओढ़ाकर, खुद भीगे हैं वो बरसात में जो खराब हो तबियत मेरी, तो जागे हैं वो पूरी […]

पिता हमेशा बने रहते हैं सबकी परछाईं

सबसे बड़े दिलदार हैं, पिता जिंदगी के सबसे प्यारे किरदार हैं, परिवार पे अगर को ई आफत है आई, पिता हमेशा बने रहते हैं सबकी परछाईं। कंधे पर बिठाकर मेले दिखाते हैं, मुझसे भी ज्यादा कामयाब हो बेटा ये चाहते हैं, मुसीबतों से लड़ना सिखाते हैं, खुशकिस्मत लोग ही पिता जैसा गुरू पाते हैं, मुझे […]

अपने हित के लिए लड़ना सिखाया है

ऊगली पकड़ कर चलना सिखाया है, अपने हित के लिए लड़ना सिखाया है| मेरी छोटी से छोटी कामयाबी को भी आपने सेलीब्रेट किया है, आगे बढ़ने के लिए भी तो पापा आपने कितना मोटीवेट किया है| मम्मी की डाट से भी तो पापा आपने कितना बचाया है, कंधो पर बैठाकर अपने बचपन में हर रास्ता […]

बस आप में ही तो रमी हुई हूँ मैं

आपकी परछाइयों से ही तो घिरी हुई हूं मैं , बस आप में ही तो रमी हुई हूँ मैं । आपका होना ना होना‌ एक बराबर होता है , क्योंकि साया आपका हमेशा मेरे साथ ही तो होता है । कुछ अच्छा हो‌ या बुरा हो , नाम जुबां पे ‌ही नहीं , ज़मीर में […]

मेरे पापा

नन्हें क़दमों से जब घर में रखा था मैने कदम पापा की आंखे भी तब हो गई थी नम उठा कर गोदी में उन्होंने बेहद प्यार जताया था बेटी से बेटे तक का दर्जा उन्होंने मुझे दिलाया था। काटो भरी राहों में फूलों को सजाया था, पिता ने मेहनत कर मुझे आगे पढ़ाया था। गुस्से […]

वो होते हैं पापा

हमारी खुशियों के लिए जो अपनी इच्छाओं को मार दे वो होते हैं पापा। फरमाइशों को हमारी अपनी ही ख्वाहिश समझकर जो मुकम्मल करार दे वो होते हैं पापा। हर विपरीत परिस्थितियों से लड़कर हमारी जिंदगी को जो आसान बना दे वो होते हैं पापा दुनिया खुशहाल है आज मेरी तो मेरे पापा से है। […]