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स्त्री

हमेशा मुस्कुराऊं , कोई खिलौना तो नहीं। हमेशा प्यार से बोलूं , कोई कॉलर टोन तो नही। कभी जिद न करूं, बचपना अभी मरा तो नहीं। हमेशा वक्त की पाबंद रहूं, घड़ी का अलार्म तो नहीं। कोई कमी न हो , मैं कोई खुदा तो नहीं। तुमसे आकर शिकायतें करूं, मैं तुमसे जुदा तो नहीं। […]

गुलामास का फ़ूल

बचपन की भोर बीत चुकी है, अब तो बस जीवन की दोपहर चारों तरफ बिखरी पड़ी है। घर के सब कार्य करने के पश्चात मुझे ताज़ी हवा में कुछ देर रहना बहुत पसंद है जैसे ही शाम हुई मेरा मन बाहर जाने के लिए उछल कूद करने लगा। मैंने जल्दी जल्दी सभी कार्य पूर्ण किए […]