October 29, 2023 1Comment

बहारें जिंदगी में हों, सफर मुश्किल नहीं होता…


प्रख्यात कवयित्री रचना उनियाल साहित्य रत्न सम्मान से सम्मानित
हल्द्वानी। हरफनमौला साहित्यिक संस्था की ओर से रविवार को गौजाजाली में एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में हल्द्वानी के बाल, युवा और वरिष्ठ कवियों ने विभिन्न विषयों पर कविताएं सुनाकर खूब समां बांधा। इस दौरान बंगलूरू कर्नाटक से आईं देश की प्रख्यात कवयित्री रचना उनियाल को साहित्य रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया।


कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। कार्यक्रम में बंगलूरू से आई प्रख्यात कवयित्री रचना उनियाल ने कहा-मूल्य वचन की लाज तारने, धरा समाई सिय प्यारी, बहारें जिंदगी में हों, सफर मुश्किल नहीं होता। कमल सिंह ने कहा-जरूरत से ज्यादा भरोसा भी मत करना ऐ कशिश, दवा भी ज्यादा हो जाए तो जहर बन जाती है। हर्षित जोशी ने कहा-एक शाख पर बैठे दो पंछी थे हम, तुम्हारा यूं उड़ जाना मुझे तन्हा कर जाना। डॉ. गीता मिश्रा गीत ने शरद पूर्णिमा पर सुनाया-स्वर्णिम किरन सह, हंस रहा पूर्ण चंद्र। लक्षिता जोशी ने दीपावली पर कहा-दीपों का त्योहार है आया, खुशियों का त्योहार है लाया। हर्षिता जोशी ने कहा-तूफान आए चाहें कितने भी बड़े, हम तो बवंडर से लड़कर आए हैं।

करन आर्या ने कहा-खुश हूं मैं, नादान है इश्क मेरा। मोहन चंद्र जोशी ने कहा-है आहत स्तम्भभूत,पावन वर्णों के पत्ते ताश। योगेश बहुगुणा योगी ने कहा-छोड़कर मायूसी मुस्कुराया करो, खुद हंसों और सबको हंसाया करो। पूरन भट्ट ने कहा-चाहत का रंग हो गहरा, पत्थर भी तेरे पानी में। मंजू सिजवाली महरा ने कहा-क्यों अजब सी तल्खी रहती है, बुरे ख्यालात आते हैं। कार्यक्रम का संचालन हास्य कवि गौरव त्रिपाठी ने किया।

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gtripathi

1 comments

  1. बहुत सुन्दर कार्यक्रम की
    बधाई

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