September 29, 2020 1Comment

हम भी कहाँ क़ाबिल हुए होते अगर

-पूरन भट्ट, वरिष्ठ कवि

हम भी कहाँ क़ाबिल हुए होते अगर,
वक़्त के थपेड़ों ने सताया नहीं होता !
मंजिले मकसूद कहाँ हांसिल था हमें पूरन,
रास्ता मेहरबां ने अगर,बताया नहीं होता !

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gtripathi

1 comment

  1. वाह!

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