-पूरन भट्ट, वरिष्ठ कवि
हम भी कहाँ क़ाबिल हुए होते अगर,
वक़्त के थपेड़ों ने सताया नहीं होता !
मंजिले मकसूद कहाँ हांसिल था हमें पूरन,
रास्ता मेहरबां ने अगर,बताया नहीं होता !
-पूरन भट्ट, वरिष्ठ कवि
हम भी कहाँ क़ाबिल हुए होते अगर,
वक़्त के थपेड़ों ने सताया नहीं होता !
मंजिले मकसूद कहाँ हांसिल था हमें पूरन,
रास्ता मेहरबां ने अगर,बताया नहीं होता !
September 29, 2020
वाह!