होली के उपलक्ष्य में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन
हरफनमौला साहित्यिक संस्था की ओर से होली के उपलक्ष्य में जगदंबानगर स्थित सेक्रेड हार्ट स्कूल परिसर में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान दूर-दूर से आए कवियों ने अलग-अलग विधा में कविता सुनाकर विभिन्न रंग बिखेरे।
सेक्रेड हार्ट के प्रबंधक दीपक पाॅल ने मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम का शभारंभ किया।
काषीपुर से आए ओज कवि अनिल सारस्वत ने सुनाया-आज समर्पित मेरी होली देष के उन परिवारों को, जिनके प्यारे पर नहीं आये होली पर्व मनाने को। मुरादाबाद, यूपी से आए श्रीकृष्ण षुक्ल ने कहा-द्वेष क्लेष के भाव जला डालो होली में, नेह, प्रेम, माध्युर्य बढ़ाओ निज बोली में।
खटीमा से आए राम रतन यादव ने सुनाया-रूठा करते अपने ही जब, बेमतलब अनजाने में, मुष्किल होती सबसे ज्यादा जाकर उन्हें मनाने में। गदरपुर से आए सुबोध कुमार षेरकोटी ने कहा-होली खेल रहे नंदलाल, मथुरा की कुंज गलिन में। हल्दूचैड़ से आए पूरन चंद्र भट्ट ने कहा-होली खेलन आयी आज है इन मस्तों की टोली। हल्द्वानी की डाॅ. गीता मिश्रा गीत ने कहा-होली खेलें कृष्ण कन्हैया, ढूंढे उन्हें यषोदा मैया। सितारगंज से आए रितेष जिंदल ने सुनाया-बात इतनी सी तुमसे करनी थी, आज दिल से भी बात करनी थी।
प्रसिद्ध हास्य कवि वेद प्रकाष अंकुर ने मौजूदा राजनीति पर तंज कसते हुए कहा-नेताजी बोले चुनाव से पहले सबकुछ जनता के नाम, चुनाव के बाद ये जनता किस काम की। रमेष चंद्र द्विवेदी ने कहा-यूपी के दो लाडले, पीट रहे हैं ढोल। हार गये तो खोलते, इक दूजे की पोल। इसके साथ ही विपुल जोषी, आयष्मान, दीपांषु कुंवर, किरन पंत वर्तिका, दीपा जोशी, संभू दत्त साहिल, सावित्री नेगी, विवेक वषिष्ठ, डाॅ. अंकिता चांदना, तनुजा जोषी आदि ने भी षानदार कविता पाठ किया।
कार्यक्रम का संचालन हास्य कवि गौरव त्रिपाठी ने किया।