July 17, 2022 0Comment

एक हरेला मन में उगा लूँ

-गंगा सिंह रावत, हल्द्वानी

मन में उथल पुथल बहुत है
हर कोने में छाई उदासी है
बाहर-अंदर एक-सी हलचल है
कहने को तन्हाई है।
एक हरेला मन में उगा लूँ
उजास भीतर ही पा लूँ
हुए जिससे दूर बहुत दूर
उस प्रकृति को ह्रदय में बसा लूँ।।

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gtripathi

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