July 20, 2022 1Comment

बिन तलाशे हमें हर खुशी चाहिए

-गीता उप्रेती

बिन तलाशे हमें हर खुशी चाहिए,
कशमकश के बिना जिंदगी चाहिए।

चाहते हो अगर जिंदगी में सुकूँ,
हसरतों में भी थोड़ी कमी चाहिए।

शोर अंदर का जीने न देता हमें,
और वो कहते क्यों ख़ामशी चाहिए।

उनको नाराज़गी ग़र दिखानी है तो,
लहज़े में बेरुख़ी होनी भी चाहिए।

समझेंगे वरना अपने ही पत्थर तुम्हें,
आँखों में फिर नमी होनी ही चाहिए।

ख़ाक का ये बशर ख़ाक हो जाएगा,
साँस कुछ देर को बस थमी चाहिए।

कम न समझो ज़वाल उन सितारों का तुम,
बुझने से क़ब्ल भी रोशनी चाहिए।

 

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gtripathi

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  1. Beautiful

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