June 07, 2020 1Comment

मेरे पिता जो है मेरी छाया

बचपन में उंगली थामकर जिसने चलना सिखाया,
मुझको कलेजा समझकर सीने से लगाया।

चेहरे से परेशानी छिपाकर मुझको हंसाया,
वो ऐसे इंसान हैं, जिसने हर मंजिल
साथ निभाया, जिसने अपने परिवार को लड़ना सिखाया।
मेरे पिता जो है मेरी छाया।

मैं भूल न पाउंगी वो बचपन के दिन,
जब मुझे देखकर मुस्कराते थे पापा।
जिंदगी की राहों पे चलना सिखाते पापा,
मेरे पिता जो हैं मेरी छाया।

हर बेटी की होती है उम्मीद कि
उसके पिता हों उसकी छाया।

-सानिया बेरी, लेक्स इंटरनेशनल स्कूल भीमताल

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gtripathi

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  1. wow saniya beri

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