June 10, 2020 0Comment

मेरी पहचान पापा आपने ही बनाई है

यू तो माँ मुझे दुनिया में लायी है,
पर मेरी पहचान पापा आपने ही बनाई हैं।

कोई खुश हुआ हो या न मेरे पैदा होने से,
पर मेरी हर खुशी पर मुस्कुराहट आपके चेहरे पर भी आई हैं।

ऊँगली पकड़ कर चलना सिखाया हैं,
जिंदगी की हर मुश्किल में बनकर मेरा साया आपने ही मुझे लड़ना सिखाया हैं।

सुना हैं मर्द रोते नहीं,
पर देखें है आपकी आँखों मे भी आँसू जब जब चोट मैंने खाई है।

हज़ारों गलतियों के बाद भी दुनिया से मेरे लिए आपने की लड़ाई हैं,
जब जब गिरी जब जब हौसला मेरा डगमगाया है,तब तब आपने ही मेरी हिम्मत बड़ाई हैं।

आपके हाथों के छाले आपकी मेहनत,
आपका वो गर्मी से जला शरीर पर फिर भी मुझे ऐश आराम की जिंदगी दिलाई हैं।

देखा है आपके उस बटुए को कई बार खाली,
पर दुआओ और प्यार में कभी कमी नहीं पायी हैं।

स्वाभिमान का पढ़ाकर पाठ
जिंदगी के हर पहलू से वाकिफ आपने ही मुझे कराया हैं।
मेरा रूतबा मेरी शान,
मेरी हिम्मत मेरा अभिमान
पिता से ही हैं,
सच कहू तो मेरे पिता ही मेरी परछाई हैं।

– ज्योति जोशी

 

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