सबसे बड़े दिलदार हैं,
पिता जिंदगी के सबसे प्यारे किरदार हैं,
परिवार पे अगर को ई आफत है आई,
पिता हमेशा बने रहते हैं सबकी परछाईं।
कंधे पर बिठाकर मेले दिखाते हैं,
मुझसे भी ज्यादा कामयाब हो बेटा ये चाहते हैं,
मुसीबतों से लड़ना सिखाते हैं,
खुशकिस्मत लोग ही पिता जैसा गुरू पाते हैं,
मुझे प्यार करती है मेरी आई,
लेकिन पिता है, मेरी परछाईं।
जेब खाली हो तब भी मना नहीं करते,
भगवान भी पिता से ज्यादा अमीर नहीं हो सकते,
सबको दिलो जान से चाहते हैं
पिता ही हैं जो हमारा भविष्य संवारते हैं,
हर जीत पे हमें देते हैं बधाई,
मेरे पिता हैं मेरी परछाईं।
-विशाल कुमार, लेक्स इंटरनेशनल स्कूल भीमताल