हमारे मन में रहता है एक इंसान,
जिसको दर्जा देते मानते उसे अपना भगवान
वो हैं हमारे पिता
अपना दुख सबसे वह छुपाते हैं,
अपने परिवार को वो दुख में नहीं देख पाते हैं
बिना बताए वो हर बात जान लेते हैं,
हमारे पापा हमारी हर बात मान लेते हैं।
हमारे मन में रहता है एक इंसान…..।
अपने बच्चों की सच्चाई के लिए
वो पूरी दुनिया से लड़ लेते हैं।
गलत राह पर जाने में
सही राह दिखाते हैं।
अपने बच्चों पर वो आंच नहीं आने देते हैं।
पापा अपने बच्चों को दुनिया का हर सुख देना चाहते हैं।
घर लौटते वक्त बच्चों को प्यार से बुलाते हैं।
वह अपने बच्चों के लिए कुछ ना कुछ ले आते हैं।
जेब खाली होने पर भी बच्चों को ना नहीं बोल पाते हैं।
अपने बच्चों की हर हां में हां मिलाए जाते हैं।
हमारे मन रहता है………..।
-भूवी पांडे, श्री साईं सीनियर सेकेंडरी स्कूल हल्द्वानी