June 07, 2020 3Comments

पापा आप कहां खो गए

हर बच्चे को बचपन में
पापा का प्यार चाहिए,
पर मेरा प्यार कहां गया
बचपन में जब आप
बेटा कहकर कभी-कभी पुकारते थे,
तब मेरा दिल खिला-खिला उठता था
तब मैं दौड़ी चली आती थी
पापा आप कहां खो गए।

इस बेटी की आवाज सुनो पापा
हर बात आपकी मानी मैंन,े
चाहे मुझे दर्द हो
फिर भी कभी जवाब न दिया,
पापा मुझको वो प्यार दे दो
जिसकी मुझे जरुरत है
पाप आप कहां खो गए।

कभी भी आपने प्यार की भाषा न बोली मुझको
जिसके लिए मेरे कान तरस गए
हर शब्द कहते डर लगता है
मम्मी से कहती बात फिर आप तक पंहुचती
इतना डर है इस बेटी में,
पापा आप कहां खो गए।

पापा आपने मेरी सब इच्छाएं पूरी की
मुझे इतना पढ़ाया,
मुझे इस दुनिया में लाए
मुझे बहुत गर्व है मैं आपकी बेटी हूँ
मेरी एक ही इच्छा है
मुझे आपका प्यार चाहिए
पापा आप कहां खो गए।

-कु0 दीपिका, चाणक्य लाॅ काॅलेज, रूद्रपुर

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gtripathi

3 comments

  1. True emotions from heart….

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  2. Fabulous and heart touching

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  3. Eye drenching poem; it seems that the lines of the poem come from the core of someone’s heart

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