June 09, 2020 9Comments

तुम हो जग से न्यारे पापा

प्यारे पापा, प्यारे पापा,
तुम हो जग से न्यारे पापा।
मुझे सिखाया चलना तुमने और सिखाया पढ़ना,
अगर गलती हो जाए मुझसे, हंसकर माफ कर देते पापा।
मेरी खुशी का ध्यान रखते, हर इच्छा वो पूरी करते,
अगर मैं रूठ जाउं तो, मुझे मना लेते हैं पापा।
मुझे चोट लग जाए तो खुद बच्चों से रोने लगते।
गोद में लेकर, सीने से लगाकर, मुझे दुलारते मेरे पापा।
मैं कहती घोड़ा बन जाओ, घोड़ा बन जाया करते,
पीठ पर बिठाकर सारे दिन, घर में घुमाते रहते पापा।
चाहत जो भी मेरी होती, वो खुश होकर पूरा करते,
मेरी आंखों से आंसू की, बूंद भी न आने देते पापा।
प्यारे पापा, प्यारे पापा,
तुम हो जग से न्यारे पापा।

-निधि बोरा, माउंट ऐलवर्न स्कूल भीमताल

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gtripathi

9 comments

  1. beautiful poem ..

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    1. Well done

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    2. Very nice,keep it up.

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  2. Very good language creativity

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  3. Beautiful poem.

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  4. Good good beta

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    1. Beautiful . Keep it up.

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  5. Beautiful

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