November 21, 2017 2Comments

तुम क्या जानो

बेटे का दर्द, एक बेटी की जुबानी,
कर दो तुम बेटा, बस इतनी सी मेहरबानी।
कौन कहता कि दिल नहीं दुखता उनका
बस आंसू ही तो नहीं निकलता जिनका।
मन ही मन रोकर बांटे अपना गम,
किंतु उनका गम नहीं किसी से कम।
भाई, पिता, पति सब हैं हम
परिवार की जान हम, हम ही परिवार का दम।
हमारी भी मां सबसे खूबसूरत होती है,
हमें भी तो मां के आंचल की जरूरत होती है।

-अनिमा आर्या, कक्षा-9
आरएएन पब्लिक स्कूल, रूद्रपुर

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gtripathi

2 comments

  1. बहुत खूब

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  2. How much pain is hidden in this poem.
    God bless you beta.

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