November 13, 2017 1Comment

चाचा नेहरू

रोज-रोज सपने में,
आते हो झूठ-मूठ।
एक बार सचमुच में आओ
मेरे चाचा, हाथ में गुलाब लिए
राह तेरी देख रहे, इसे अपने
कोट पर लगाओ मेरे चाचा।
तुम हमको प्यारे थे, तुमने भी
प्यार किया, वह अपना प्यार
फिर दिखाओ मेरे चाचा।

-सतपाल, कक्षा-3
प्राथमिक विद्यालय हल्दूपोखरा, हल्द्वानी

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gtripathi

1 comments

  1. बहुत प्यारी कविता लिखी सतपाल ने
    शुभाशीष

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