June 21, 2022 0Comment

योग पर दोहे

-रमेशचन्द्र द्विवेदी, हल्द्वानी

(०१)
योग दिवस पर योग का, करें आज संकल्प।
रहें  निरोगी  हम सदा, मिलता नहीं विकल्प।।
(०२)
योग  नहीं  संयोग  है, इसका   करें   प्रयोग ।
काया सबकी  पुष्ट हो, मिट  जाये  सब रोग ।।
(०३)
रोज – रोज  के योग से, काया  हो  मजबूत ।
रोग – दोष  सब  दूर हों, कहते  हैं  अवधूत ।।
(०४)
पूजा – जप- तप- पाठ  से, आते  पूत विचार ।
मिल जाये यदि योग तो,मिलती सिद्धी अपार ।।
(०५)
ऋषियों ने सबको दिया, महा – मंत्र  वरदान ।
सेहत  सबकी  ठीक हो,यह उनका अवदान ।।
(०६)
नाड़ी शोधन नित करो, मिटता रक्त विकार ।
तन-मन की यह साधना,सुख का हो संचार ।।
(०७)
सूर्य – चंद्रमा  नाड़ियाॅं, तन  में  करती वास ।
कुंडलिनी  जागृत  करें, अन्तर्मन की आस ।।
(०८)
आठ  योग  के अंग  हैं, करें  इसे  स्वीकार ।
यम-नियम-आसन क्रिया,प्राणों का आधार ।।

 

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