-ललिता परगाँई, गौलापार हल्द्वानी
मैं करू नमन उन वीरों को …
जो देकर अपने प्राण गये ।
माँ भारतीय की सान की खातिर..
जो सरहद पर शहीद हुए ।
अपनी माँ के राजदुलारे…
उनको जिसने जन्म दिया ।
कैसे मन समझाए वो मात-पिता…
जिसके घर का चिराग गया ।
धन्य है वो मां जिसने…
देश को ऐसे पुत्र दिए ।
माँ भारतीय की शान की खातिर…
जो सरहद पर शहीद हुए ।
पत्थर रखके सीने में जिसने…
सरहद पर बेटा भेज दिया ।
उन माँ-बापू को नमन हमारा…
जिनके पुत्र जवान गये ।
माँ भारतीय की शान के खातिर…
जो सरहद पर शहीद हुए ।
राखी बाँध के भेजा था जिसे…
उस बहना का भाई गया ।
जिसके प्राणों का प्रिय था…
उस नारी का सिंदुर गया ।
माँ भारतीय की शान की खातिर…
जो सरहद पर शहीद हुए ।
कैसे मन बहलाये वो बच्चे…
जिनके बापू महान गए ।
माँ भारतीय की शान की खातिर…
जो सरहद पर शहीद हुए ।