मुझे छांव देकर भी खुद जलते हो धूप में, मैंने सचमुच फरिश्ता देखा है, पिताजी आपके रूप में। पिता!!! परिवार का रोटी, कपड़ा, मकान है। पिता ही तो बच्चे के लिए खुला आसमान है। पिता है तो बच्चे के लिए असीमित प्यार है। पिता के होने से ही तो वीकेंड वाला ‘शनिवार’ है। पिता ईश्वर […]