Tag: vidhya mahtoliya

नारी तू नारी से  ईर्ष्या करती आयी है

नारी तू नारी से  ईर्ष्या करती आयी है। तभी तू जाग कर भी नही उठ पायी  है। सास बहू ननद भाभी की , कहानी कहती आयी हैं तू पुरूष से दबती,  स्त्री को दबाती आयी है। पुत्र की चाह में पुत्री को दिया गर्भ में मार क्या बेटा व बेटी में। तू अंतर कर पाई […]