थोड़ा रूक जाओ, मना लेंगे साल नया अभी समय है, पुराना गया कहां मौसम का मिजाज बदलने दो मनाएंगे मिलकर खुशियां नया सा खिलने दो चमन आने दो फूलों पर तितलियां। क्यों आधी रात में आहे भरकर हाथों में लिए जाम तड़फते से अकड़ते से नशे में क्यूं हो परेशान आना थोड़ा रूककर सूर्योदय के […]