छाँव में ही तुम्हारी, मैं पलता रहा थामे अँगुली तुम्हारी,मैं चलता रहा कैसी हो मुश्किलें मैं तो बढ़ता रहा संग तुम्हारे मैं गिरता संभलता रहा मेरे खुशियों की तुम ही वज़ह हो, जहान हो, जहान हो,जहान हो मेरे पापा तुम मेरी जहान हो; जब भी तन्हा था मैं, तुम मेरे साथ थे मेरे माथे पे […]