-सुमित प्रताप सिंह, चर्चित युवा व्यंग्यकार, दिल्ली हिंदी व्यंग्य का साम्राज्य धीमे-धीमे पूरे विश्व में अपनी पैठ जमा रहा है, किंतु ये साम्राज्य समाज का शोषण करने की अपेक्षा समाज में फैली विद्रूपता, विसंगतियों, विडंबनाओं, कटुता व भ्रष्टाचार से लड़ने का कार्य करता है। व्यंग्य का बेशक कोई एक नेतृत्व न हो, किंतु व्यंग्य के […]