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हिन्दुत्व की परिचायक हिन्दी

-निशान्त गहतोड़ी…, सितारगंज हिन्दुत्व की परिचायक हिन्दी जन्मदाता है मानवता की भारत की ये शान है, दी शिक्षा धर्म की हमको संत कबीर, रसखान महान हैं! 1! रचे गये साहित्य इसी में याचे गये इतिहास है, हिन्दी से ही होता अपने पन का आभास है! 2! राष्ट्र एकता की बुनी हुई जड़ राजकुमारी संस्कृत की […]

आ गये तुम?

आ गये तुम? देखो,दरवाजा खुला है, अरे, रुको तनिक, पायदान पर अपना अहं झाड़ आना.. बच्चों की ठिठोली से थोड़ी शरारत ले आना आओ भीतर गर्म चाय की चुस्की से मन हल्का कर लेना.., करके अपनी सावधानीयाँ, निकलो घर से दोबारा,, लौटौगे फिर से जब भी तुम, पायदान पर अपना अहं झाड़ आना.. तनिक संक्रमण […]

नेता

ये ज़िन्दगी कुछ और अच्छी होती; ज़िन्दगी सवालो से घिरी न होती करते रहे हमेशा नेताओ को बदनाम नेताओ से खराब किसीकी ज़िन्दगी नहीं होती । न कोई मानता है, न कोई पूजता है ये वो मूरत है जिस  पर हर  कोई थूकता है ये न होते तो मिटटी पलीत न होती नेताओ से खराब किसी की ज़िन्दगी नहीं होती ।गुण्डो की  टोली, लाशो का व्यापार लूट लूट कर भर लिया घर वार ऐसे नेता से तो हमारी फूटी किस्मत होती नेताओ से खराब किसीकी ज़िन्दगी नहीं होती । भ्रष्टाचार करना और झूठ बोलना है प्यार कि आड़ म नफरत से जोड़ना है इनको तो कोई धोबी सा धोती नेताओ से खराब किसीकी ज़िन्दगी नहीं होती । ये होते अच्छे तो अपनी भी ठाठ होती भारत कि तूती पूरी दुनिया में होती अगर ये सरकार आँखे मुदी न होती नेताओ से खराब किसीकी ज़िन्दगी नहीं होती । -रामवीर गंगवार, सितारगंज, उधमसिंह नगर