नयन, नयन की भाषा समझें, ऐसी सुनो ना मीत बनों, जितने गीत लिखूं मैं वनिता, तुम उनका संगीत बनो।। चाँद सा मुखड़ा देख तुम्हारा कोई भी बेसुध हो जाऐ, तुम्हारा यौवन देख रती भी पानी-पानी हो जाऐ, अधर तुम्हारे जैसे कोमल गुलाब की पखुंड़ियां हैं, जब मुस्काती मन ये कहता स्वर्ग से आयी गुड़िया हैं, […]