Tag: shakhar pakhi

तुम बिन सूना सावन मेरा, सूने लगते झूलें हैं

तुम बिन सूना सावन मेरा, सूने लगते झूलें हैं, तुम बिन फागुन सूना मेरा, सूने लगते मेलें हैं, तुम बिन, तुम बिन, तुम बिन, तुम बिन ना पूछो क्या हैं तुम बिन, तुम बिन नींद अधूरी मेरी, तुम बिन स्वप्न अकेले हैं।। तुम बिन गाँव का पनघट सूना, सूना उसका यौवन हैं, तुम बिन घर […]