अक्टूबर महीने मुझे तुझ से हमदर्दी तो बिल्कुल नहीं, ना दिल लगी, तू पल पल हर दिन, हर क्षण बस वो लम्हे याद दिलाता है. माँ की आंसू पल भर भी ना थमते, तू ले गया तीज़ त्योहार और रंग इस माह के, मेरी माँ की बिंदी के, अपने मन की व्यथा वो सपना कह […]
अक्टूबर महीने मुझे तुझ से हमदर्दी तो बिल्कुल नहीं, ना दिल लगी, तू पल पल हर दिन, हर क्षण बस वो लम्हे याद दिलाता है. माँ की आंसू पल भर भी ना थमते, तू ले गया तीज़ त्योहार और रंग इस माह के, मेरी माँ की बिंदी के, अपने मन की व्यथा वो सपना कह […]