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इस गणतंत्र दिवस पर अगर आप पाना चाहते हैं पद्य पुरस्कार तो 15 सितंबर तक यहां कराएं नामांकन

वर्ष 2021 के गणतंत्र दिवस पर आप भी पद्य भूषण, पद्य विभूषण या पद्यश्री जैसे पुरस्कार पा सकते हैं। इसके लिए आपको जल्द से जल्द नामांकन कराना होगा। गणतंत्र दिवस, 2021 के अवसर पर घोषित किए जाने वाले पद्म पुरस्कारों के लिए ऑनलाइन नामांकन / सिफारिशें 1मई, 2020को शुरू हुई थी। नामांकन की अंतिम तिथि […]

एक रुपए का सिक्का

मुखिया जी के चौपाल का खबरी है पटवारी लाल । वह  प्रतिदिन चौपाल के लोगों को नया नया खबर लाकर सुनाता है । देश दुनिया की तमाम खबरें वह रखता है । किसी खबर को वह अपने पेट में पचाता नहीं है । भोपू मीडिया की तरह उसनेअपने कैरेक्टर को नहीं बना रखा है । […]

शायरी-इस बारिश ने हमको

1 इस बारिश ने हमको फिर से भीगा दिया तेरी उन यादों को फिर से जगा दिया 2 छोटे से दिल में गम बहुत है जिंदगी में मिले जख्म बहुत हैं मार ही डालती यह दुनिया हमें पर कमबख्त दोस्तों की दुआओं में दम बहुत है 3 मेरी मोहब्बत उसके जिस्म से नहीं उसकी रूह […]

कोरोना

मंदिर मस्जिद बनवाने के लिए लड़ रहे थे जो कल तक अस्पतालों की कीमत जो आज तुमने है सिखलाया, तुमने यह क्या कर दिखलाया होते थे नतमस्तक जो सिर्फ मौलियो और पंडितो के आगे डॉक्टर नर्सेज और सेवाभावीयो के आगे शीश तुमने है झुक्वाया कोरोना तुमने ये क्या कर दिखलाया । -रतिका, holy trinity secondary […]

कितना अकेला

कितना अकेला अकेले अकेले चला आया मदमस्त हो कर बिंदास फर्क नहीं कौन आस पास अकेला कूदता फांदता जाने कितने रोड़े , पहाड़ों को लांघता फिर आया एक शिखर पर चांदी सी ले धार वहीं से निखर गया निर्मल शीतल जल को लेकर ऊंचाई से सहसा छलक पड़ा हूं। एक धवल चादर सा तान प्रकृति […]

आ गये तुम?

आ गये तुम? देखो,दरवाजा खुला है, अरे, रुको तनिक, पायदान पर अपना अहं झाड़ आना.. बच्चों की ठिठोली से थोड़ी शरारत ले आना आओ भीतर गर्म चाय की चुस्की से मन हल्का कर लेना.., करके अपनी सावधानीयाँ, निकलो घर से दोबारा,, लौटौगे फिर से जब भी तुम, पायदान पर अपना अहं झाड़ आना.. तनिक संक्रमण […]

‘भल लागौं ‘

गुईं चुपड़ि बात सुणण भल लागौं। आफी तारीफ आपणीं कौंण भल लागौं।। दुसरैकि काट और निखाणि धौ कै। दिन इसीक्यै बितौण भल लागौं।। लोग भौतै छ्न अगल बगल उनुँकैं। औज्ञै झुठ साँच् हरौंण भल लागौं।। हाथम् हाथ धरि चै रीं अकुइ भौतै। पकाइ खाँण् बिछाई बिछौंण भल लागौं।। जो छु मुख धैं वी छु भल […]

मंजिल का सफर

भोर भयी अब उठ रे बन्दे मंजिल का सफर अभी बाकी है प्रातः काल का विहंगम दृश्य पक्षियों का कोलाहल देख मंद-मंद हवाएँ दूर क्षितिज में उगता सूरज प्रकृति का कौतूहल देख आलस्य छोड निकल कर्तव्य पथ पर अभी तो दुनियां सपनों की है भाई! मंजिल का सफर अभी बाकी है। कोशिशें एक के बाद […]