Tag: rudrapur ke sahitykar

राज़्य की उन्नति ही राष्ट्र की उन्नति

-हेमलता, रूद्रपुर, उधम सिंह नगर राज्य शक्तिशाली है तो, राष्ट्र का कुछ नही बिगड़ पाएगा जन जन अगर बात समझेगा तो देश उन्नति कर पाएगा। बूंद बूंद से सागर बनता यह बात पहचाननी होगी, देश भक्ति की लौ, हर दिल में जगानी होगी। इस गौरवान्वित धरती की, बात अजब निराली है, इसके खेतो में सोना […]

मार्गदर्शक शिक्षक अध्यापक गुरु

-प्रतिष्ठा पांडे, रूद्रपुर, उधमसिंह नगर मार्गदर्शक शिक्षक अध्यापक गुरु इन्हीं ने की थी मेरी जिंदगी शुरु जिंदा थी और देती थी सब और सोचती थी दुनिया देखूंगी कब माता-पिता का मेरे पास था साथ पर आगे बढ़ने के लिए चाहिए था एक हाथ जब मैंने छोड़ी थी अपनी सारी आस तब मेरे गुरु आए मेरे […]

मंजिलें

-मुकेश राय, रूद्रपुर उधमसिंह नगर तुझे अपना हर कदम आगे ही बढ़ाना है मंजिलें तुझ से लाख दूर सही एक दिन वहां तक पहुंच ही जाना है। तू ओ बैठा थक हारकर, हंसेगा तुझ पर बड़ा बेदर्द जमाना है। तुझे अपना हर कदम आगे ही…. गए वक्त की परवाह करना ही क्या क्या मनाना बीते […]

नित नूतन रश्मि संग सजकर

-आशा बाजपेयी ‘संभवी’ उधमसिंह नगर व्याख्या पढने आता है । नित नूतन रश्मि संग सजकर दिनकर कुछ कहने आता है। उच्च लहर लहराए तिरंगा यह कर्त्तव्य बताने आता है स्वाभिमान की खातिर ही जो रक्त भाल तिलक सजाता है नई आख्याएँ अमिट ओज की सपने उनके ही तब बुन पाते हैं उन सिंह वीरों की […]

खुश रहे ‘पाहूना’

-आशा बाजपेयी ‘संभवी’ समय बहुत ही बलवान है । चलते रहता ही इसकी नियती है । साथ ही साथ यह हमें भी सदैव कार्यरत रहने की सीख देता है । प्रभु की लीला भी अपरम्पार है। उसने मनुष्य को सदैव सद्‌मार्ग पर रहने के लिए प्राकृतिक उपादानों का उपहार दिया है ताकि उनसे शिक्षा ग्रहण […]

नियति और जिंदगी

-आशा बाजपेयी ‘संभवी’ अचानक आज सुमन को अपने घर में देख कर मन बहुत प्रसन्न हो उठा, वह पहले वाली चुलबुली बिंदास सुमन फिर से लौट आई थी उसके चेहरे पर छाई खुशी देखकर मन गदगद हो गया ,वह मिलते ही गले लग गई l बोली -“बिमला कैसी है?” “आंटी से पता चला कि तुम […]