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नित नूतन रश्मि संग सजकर

-आशा बाजपेयी ‘संभवी’ उधमसिंह नगर व्याख्या पढने आता है । नित नूतन रश्मि संग सजकर दिनकर कुछ कहने आता है। उच्च लहर लहराए तिरंगा यह कर्त्तव्य बताने आता है स्वाभिमान की खातिर ही जो रक्त भाल तिलक सजाता है नई आख्याएँ अमिट ओज की सपने उनके ही तब बुन पाते हैं उन सिंह वीरों की […]

चलो मिलकर ढूंढे फिर से वही गणतंत्र

हेमलता मलारा मीठे सुरों से फूके सभी अपनत्व के मंत्र चलो मिलकर ढूंढे फिर से वही गणतंत्र जहां हर राह में सद्भाव समाया हो मनुष्य से कोसों दूर हर मोह माया हो सत्य की मशाल से हर रास्ता जगमगाया हो मानवता का संदेश हर एक मन में समाया हो जहां हर शख्स विचार रखने हेतु […]

एक महात्मा वह बालक था

-हितांश कुमार, जवाहर नवोदय विद्यालय रूद्रपुर उधमसिंह नगर पोरबंदर की भूमि में जन्मा, एक महात्मा वह बालक था। जिसने भारत को , सत्य अहिंसा का पाठ पढ़ाया था। अंग्रेजों से ले ली उसने आजादी, शस्त्र को हाथ ना लगाया था। सफेद वस्त्र पहनकर चलने वाला, वह बापू कहलाया था। एक लाठी के सहारे चलकर, उसने […]

दोस्ती

-दीपिका अग्रवाल, रूद्रपुर दोस्ती का रिश्ता होता है दिल से दोस्ती के बिना जिंदगी है अधूरी दोस्त के आ जाने से जिंदगी है रौनक लाती दोस्त है सुख दुख के साथी रिश्ता है ये अनमोल दिल से दिल की डोर बंधी है है ना, इसका कोई मोल थोड़ी मस्ती थोड़ी शरारत रूठना और मनाना है […]

बेटी पढ़ाओ

-अराधना शुक्ला, रूद्रपुर शिक्षा जीवन का आधार है जीवन बेहतर बनाने का यह एकमात्र मार्ग है आओ सब मिलकर इसे बढ़ावा दें कोई ना वंचित हो शिक्षा से ऐसी सबको सीख दें, बेटों ने किए हैं काम बड़े बेटियां भी कंधे से कंधा मिलाकर हैं खड़े आओ इन्हें भी दे अधिकार समान बेटियां भी कर […]

हर भाषा से प्यारी हिंदी

-आशा बाजपेयी ‘संभवी’, रूद्रपुर हर भाषा से प्यारी हिंदी देश की राज दुलारी हिंदी मस्तक की आभा है हिंदी बिमदी बनकर चमके हिंदी माँ का तो अरमान है ये ममता की पहचान है ये है जन्म के साथ हमारे हिंदी मातृभाषा कहलाती हिंदी हर भाषा से प्यारी हिन्दी देश की राज दुलारी हिंदी

पापा आप कहां खो गए

हर बच्चे को बचपन में पापा का प्यार चाहिए, पर मेरा प्यार कहां गया बचपन में जब आप बेटा कहकर कभी-कभी पुकारते थे, तब मेरा दिल खिला-खिला उठता था तब मैं दौड़ी चली आती थी पापा आप कहां खो गए। इस बेटी की आवाज सुनो पापा हर बात आपकी मानी मैंन,े चाहे मुझे दर्द हो […]

खुदा भी है, खुदा से डर

मनुष्य है, ईमान कर खुदा भी है, खुदा से डर सच्चाई की तू राह पर, सदैव चल, सदैव चल आंधी से भी तेज चल, पहाड़ों को भी चीर कर। कर्म कर, तू कर्म कर मनुष्य है ईमान कर………। डर न, थम न, रूक न तू, झूठ के आगे झुक न तू पथ पर आने वाली […]

काले मेघा काले मेघा काले मेघा आओ

मानसून आमंत्रण —– गीत —– काले मेघा काले मेघा काले मेघा आओ, जलती धरती तपती धरती अबतो जल बरसाओ। काले मेघा——- उमड़ – घुमड़ कर बरस जाओ तुम तृप्त धरा को कर जाओ तुम सूखे तरूवर लतिका सूखीं अब तो दरस दिखाओ। काले मेघा———- सुन – सुन मानसून की बातें खिल जातीं हम सब की […]

बड़ा हंसी ख्वाब है

बड़ हंसी ख्वाब है धरती और गगन का| सुना है गहन प्रेम है दोनों के बीच का | धरा तडप रही यहाँ, गगन निभा रहा वहाँ | फासलों से कब कहाँ, बदला प्रेमी है यहाँ | धैर्य सी तू रूपसी, नभ विशाल है बड़ा | भू के प्रेमजाल में, अम्बर डूबता चला | बेचैनी देख […]