पिता रोटी है, कपड़ा है, मकान है, पिता नन्हे से परिंदे का बड़ा आसमान है। पिता है तो घर में प्रतिपल राग है, पिता से मां की चूड़ी, बिंदी और सुहाग है। पिता है तो बच्चों के सारे सपने हैं, पिता हैं तो बाजार के सब खिलौने अपने हैं। है भगवान का रूप वो जो […]
पिता रोटी है, कपड़ा है, मकान है, पिता नन्हे से परिंदे का बड़ा आसमान है। पिता है तो घर में प्रतिपल राग है, पिता से मां की चूड़ी, बिंदी और सुहाग है। पिता है तो बच्चों के सारे सपने हैं, पिता हैं तो बाजार के सब खिलौने अपने हैं। है भगवान का रूप वो जो […]