एक फरिश्ता है पिता,खुदा ने जिसको बनाया। दिल मे जिसके बेपनाह,प्यार ही प्यार समाया। हर घर की बुनियाद का,पत्थर उसको बनाया। मन-मंदिर से नर्म उन्हें बाहर से कड़क बनाया। मुश्किलों भरी धूप में,पल-पल उनको तपाया। तकलीफ अनन्त देकर,सहनशील उन्हें बनाया। बरगद सी शीतल छाया व आश्रय उनमे समाया। नदियों सा अविरल व अनुशासित उनको बनाया। […]