Tag: prema bisht

रोटी है, कपडा है, मकान है पिता

पिता रोटी है, कपडा है, मकान है, पिता नन्हे से परिन्दें का बडा आसमान है। 2।। पिता है तो घर मे प्रतिपल राल है, पिता से माॅ की चूडी , बिन्दी और सुहाग है। पिता है तो बच्चों के सारे सपने है, पिता है तो बाजार के सब खिलौने अपने है। -प्रेमा बिष्ट, संजयनगर बिंदुखत्ता