Tag: pratishtha pandey

रोशनी फिर जगमग आई है

-प्रतिष्ठा पांडे अंधकार अब नष्ट हुआ रोशनी फिर जगमग आई है सुख और समृद्धि की बहार हर घर में छाई है बना कर दिए मिट्टी के गरीबों ने आस लगाई है मेरी मेहनत खरीदेंगे लोग सब ने आस सजाई है हजारों की लड़ियां लगाकर सबने शान बढ़ाई है पर गरीबों के दीयों की लो हमने […]

वे दिन भी क्या दिन थे

-प्रतिष्ठा पांडे,रूद्रपुर, उधमसिंह नगर वे दिन भी क्या दिन थे यह सोच सोच कर रोते हैं आए दिन स्कूल के सपने आते हैं जब हम सोते हैं दोस्तों के साथ मस्ती से जब हो जाती थी लड़ाई पर आजकल रगड़ कर धोनी पड़ती है कढ़ाई लंच टाइम में गोल घूम कर हम सब है जाते […]

मार्गदर्शक शिक्षक अध्यापक गुरु

-प्रतिष्ठा पांडे, रूद्रपुर, उधमसिंह नगर मार्गदर्शक शिक्षक अध्यापक गुरु इन्हीं ने की थी मेरी जिंदगी शुरु जिंदा थी और देती थी सब और सोचती थी दुनिया देखूंगी कब माता-पिता का मेरे पास था साथ पर आगे बढ़ने के लिए चाहिए था एक हाथ जब मैंने छोड़ी थी अपनी सारी आस तब मेरे गुरु आए मेरे […]