Tag: naari par kavita

शक्ति का नाम ही नारी है

-कोमल भट्ट कोमल है, कमज़ोर नहीं तू, शक्ति का नाम ही नारी है… जीवन जग को देने वाली , मौत भी तुझसे हारी है | माना की मर्द ने किया बहुत कुछ पर तुझसे ही तो सब कुछ पाया है, जग- जननी का रूप है तू तू ही तो भगवान का साया है| कल्याणी है […]

नारी की परिभाषा

-डॉ. अंकिता चांदना शर्मा, हल्द्वानी सरस्वती, लक्ष्मी, दुर्गा, काली भी बन जाती है मनमोहिनी, चंचला, ममता की सरिता ये बहाती है। तोड़ के जब सारे बंधन, पंख ये फैलाती है। आसमान की ऊंची बुलंदियों को ये छू जाती है। इसकी वाणी में है कतार, जिसका कोई तोड़ नहीं नारी की शक्ति को ना ललकारो, इस […]

बंद करो दहेज प्रथा

-रेनुका आर्या बंद करो दहेजप्रथा, नारी का मत करो व्यापार, स्वयं जिसे कहते तुम लक्ष्मी, क्यों कर रहे फिर उसपर तुम अत्याचार | दौलत के तराजू पर तोल के, छीना तुमने उसका अधिकार, नारी बिन जीवन है सुना, थोड़ा तो करो विचार | कभी संगनी, कभी भगिनी बन, उसने लुटाया तुम पर प्यार, दौलत के […]

सृष्टि का सार है नारी

-ज्योति मेहता सृष्टि का सार है नारी । घर की पहचान है नारी। आंचल में छुपाती है नारी। दीवारों को घर बनाती है नारी। उठ भोर घर को मंदिर बनाती है नारी। अन्न को भोजन बनाती है नारी चकला बेलन का खेल खेलती है नारी। बंद कमरों में आंसू छुपाती है नारी धरती माता भी […]